रतन टाटा के ये अनमोल विचार बदल सकते है आपकी सोच

👍🏻 रतन टाटा के ये अनमोल विचार बदल सकते है आपकी सोच

Birthday Special

👌🏻 Salt से Software तक का निर्माण करने वाली Tata Company भारत में ही नहीं पूरे विश्व में जानी जाती है. और इसकी कामयाबी का श्रेय बहुत हद तक रतन टाटा को जाता है

👏🏻 रतन टाटा का नाम भारत के सबसे सफल और प्रसिद्ध उद्योपतियों में गिना जाता है. 20 सालों से अधिक टाटा ग्रुप के चेयरमैन के रूप में रतन टाटा ने अपनी सेवाएं दी है. 

🎂 रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था. आज उनके जन्मदिन के मौके पर जानते हैं इस लिविंग लीजेंड के कुछ अनमोल विचार -

▪ सत्ता और धन मेरे दो प्रमुख सिद्धांत नहीं हैं.

▪ मैं सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं करता. मैं निर्णय लेता हूँ और फिर उन्हें सही साबित कर देता हूँ.

▪ अगर आप तेजी से चलना चाहते हैं तो अकेले चलिए. लेकिन अगर आप दूर तक चलना चाहते हैं तो साथ मिलकर चलिए.

▪ जिस दिन मैं उड़ान नहीं भर पाऊंगा, वो मेरे लिए एक दुखद दिन होगा.

▪ हम सभी के पास समान प्रतिभा नहीं है, लेकिन हम सब के पास समान अवसर हैं, अपनी प्रतिभा को विकसित करने के लिए.

▪ जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए उतार – चढ़ाव बहुत जरुरी हैं, क्यूंकि ईसीजी में भी सीधी लाइन का मतलब होता है – मृत.

▪ वह व्यक्ति जो दूसरों की नकल करता है, कुछ समय के लिए तो सफल हो सकता है, परंतु जीवन में बहुत आगे नहीं बढ़ पाता.

▪ ऐसी कई चीजें हैं, जो अगर मुझे दोबारा जीने के मौका मिले तो शायद मैं अलग ढंग से करूँगा. लेकिन मैं पीछे मुड़कर ये नहीं देखना चाहूँगा कि मैं क्या नहीं कर पाया.

▪ कोई लोहे को नष्ट नहीं कर सकता, लेकिन उसकी अपनी जंग कर सकती है! उसी तरह कोई किसी इंसान को बर्बाद नहीं कर सकता, लेकिन उसकी अपनी मानसिकता कर सकती है.

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